दुनिया के पांच ऐसे रहस्य, जिन्हें नहीं सुलझा पाया विज्ञान

unsolved mysteries, unsolved mysteries of the world, mysteries science cannot explain, science vs unsolved secrets, unexplained events in history, दुनिया के पांच रहस्य, पांस रहस्य, वायरल खबरें, अजब गजब खबरें

नई दिल्ली। दुनिया रहस्यों से भरी पड़ी है। इनमें से कई ‘रहस्यों को विज्ञान ने सुलझा लिया है। हालांकि, दुनिया में अभी भी कई ऐसे रहस्य हैं, जिन्हें वर्षों से वैज्ञानिक भी नहीं सुलझा पाए हैं। हम आपको अपनी खबर में कुछ ऐसे ही रहस्यों के बारे में बताने जा रहे हैं, जिनके बारे में जानकर आप भी हैरान रह जाएंगे।
पेरु में एक पौराणिक मंदिर है जिसका नाम साकसेगेमन मंदिर है। इस मंदिर के परिसर में बड़े-बड़े पत्थरों की एक दीवार है। इसकी सबसे खास बात यह है कि सभी पत्थर आपस में जुड़े हैं, लेकिन अभी तक यह रहस्य ही बना हुआ है कि इन पत्थरों को जोड़ने के लिए किस चीज का इस्तेमाल किया गया था और हजारों साल पहले ये पत्थर इतनी बारीकी से कैसे तराशा गया होगा और एक-दूसरे के ऊपर रखा गया होगा

यह भी पढ़ें : नीलगायों को क्यों कहा जाता है नीलगाय की सच्चाई जानकर हो जाएंगे हैरान

बोलिविया में एक जगह है टिवानाकु, जिसे रहस्यमयी शहर कहा जाता है। कहते हैं कि हजारों साल पहले यहां एक आबाद शहर हुआ करता था। यहां एक दरवाजा है, जिसे गेट ऑफ सन कहा जाता है, वो आज भी रहस्य ही बना हुआ है। वैज्ञानिकों को लगता है कि इस गेट की मदद से उस समय ग्रहों की स्थिति का अंदाजा लगाया जाता होगा। हालांकि इसके बारे में सटीक जानकारी किसी को भी नहीं पता। जापान में एक गोताखोर किहाचिरो अराताके को समुद्र में डूबे एक विशाल ढांचे की खोज की थी, जिसे योनागुनी का डूबा शहर कहते हैं। माना जाता है कि यह ढांचा 10 हजार साल पहले डूब गया था। वैज्ञानिकों का मानना है कि पाषाण युग के बाद इंसान जब पहली बार गुफाओं से बाहर निकले तो उन्होंने ऐसा ढांचा बनाया होगा। हालांकि यह सिर्फ एक अनुमान है, सच्चाई नहीं ।


कोस्टा रिका में पत्थर की कई विशाल गेंदे हैं, जो साल 1930 में पौधों की रोपाई के दौरान मिली थीं। खास बात ये है कि पत्थर की ये गेंदें बिल्कुल गोल हैं। अब इन गेंदों को किसने बनाया, क्यों बनाया ये रहस्य ही है। पौराणिक कथाओं की मानें तो इन गेंदों में सोना था । मिस्त्र में खुदाई के दौरान एक विशाल स्तंभ मिला था। 42 मीटर लंबा यह स्तंभ करीब 1200 टन वजनी है। इतिहासकारों की मानें तो निर्माण के दौरान पत्थर में दरार आने की वजह से इसे अधूरा छोड़ दिया गया, लेकिन ये बात अब तक एक रहस्य ही है कि इतना विशाल स्तंभ कैसे उठाया जाता ?

यह भी पढ़ें : राहुल गांधी के आरोपों पर भड़का चुनाव आयोग, मांगा शपथ-पत्र

Related posts